• Samvada
Thursday, May 26, 2022
Vishwa Samvada Kendra
No Result
View All Result
  • Login
  • Samvada

    ಪ್ರಬೋದಿನೀ ಗುರುಕುಲಕ್ಕೆ NIOS ಅಧಿಕಾರಿಗಳ ಭೇಟಿ

    ಮಾರ್ಚ್ ೧೧ರಿಂದ ೧೩ರವರೆಗೆ ಗುಜರಾತಿನಲ್ಲಿ ಅಖಿಲ ಭಾರತ ಪ್ರತಿನಿಧಿ ಸಭಾ

    Evacuation of Indians stranded in Ukraine by Government of India

    Ukraine Russia Crisis : India abstained from UNSC resolution

    Trending Tags

    • Commentary
    • Featured
    • Event
    • Editorial
  • Samvada

    ಪ್ರಬೋದಿನೀ ಗುರುಕುಲಕ್ಕೆ NIOS ಅಧಿಕಾರಿಗಳ ಭೇಟಿ

    ಮಾರ್ಚ್ ೧೧ರಿಂದ ೧೩ರವರೆಗೆ ಗುಜರಾತಿನಲ್ಲಿ ಅಖಿಲ ಭಾರತ ಪ್ರತಿನಿಧಿ ಸಭಾ

    Evacuation of Indians stranded in Ukraine by Government of India

    Ukraine Russia Crisis : India abstained from UNSC resolution

    Trending Tags

    • Commentary
    • Featured
    • Event
    • Editorial
No Result
View All Result
Samvada
Home Others

'Vivekananda's Message is to Make Bharat Vishwa Guru': RSS Chief Bhagwat at Bhopal

Vishwa Samvada Kendra by Vishwa Samvada Kendra
August 25, 2019
in Others
237
0
'Vivekananda's Message is to Make Bharat Vishwa Guru': RSS Chief Bhagwat at Bhopal

RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat addressing the national seminar

491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Bhopal March, 24: “My life is not not for my comforts, it is for the service of mankind and making Bharat a Vishwaguru; this was the message of Swami Vivekananda to all of us”, said RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat at Bhopal on Sunday.

RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat addressing the national seminar
RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat addressing the national seminar

RSS Chief Mohan Bhagwat was addressing a gathering in a National Seminar organised by Makhanlal Chaturvedi National institute of Journalism of Bhopal to commemorate Swami Vivekananda’s 150th birth year. Kanchi Kamakoti Peeth’s Sri Jayendra Saraswati Swamiji and Prof Vrujkishor Kutiala, Vice Chancellor of the University, were on the dais.

READ ALSO

ಒಂದು ಪಠ್ಯ – ಹಲವು ಪಾಠ

भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिश्च

12

भोपाल, दिनांक २४ मार्च २०१३ // माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्व विद्यालय भोपाल द्वारा स्थानीय समन्वय भवन में स्वामी विवेकानंद और भारतीय नवोत्थान विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक श्री मोहन राव जी भागवत के उद्वोधन से हुआ | कार्यक्रम के प्रारम्भ में कांची काम कोटि पीठ के शंकराचार्य श्री जयंत सरस्वती जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि विवेक पूर्वक देश और समाज के लिए कार्य करने से ही आनंद प्राप्त होता है | यह कार्य भी प्रथक प्रथक करने के स्थान पर मिलकर करना अधिक फलदाई है | क्योंकि कलियुग मैं संगठन ही शक्ति है | उन्होंने जोर देकर कहा कि “संघे शक्ति कलौयुगे” |

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक श्री मोहन राव जी भागवत ने अपने उद्वोधन के प्रारम्भ रोमा रोला द्वारा विवेकानंद पर की गई टिप्पणी से किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कागज़ पर लिखे विवेकानंद के विचार जब इतनी स्फूर्ति देते हैं, तो उनकी तेजस्विता का उन लोगों को कैसा अनुभव हुआ होगा, जिन्होंने उन्हें प्रत्यक्ष सुनने का सौभाग्य पाया था | विवेकानंद के विचार केवल मात्र उनके द्वारा पढ़े गए या सुने गए विचार नहीं थे, वरन स्वतः अनुभव किये गए विचार थे, इसीलिए उनका इतना दीर्घजीवी प्रभाव रहा |

एक बार अपने गुरू अर्थात अशिक्षित किन्तु सिद्ध साधक श्री रामकृष्ण परमहंस द्वरा सत्य का साक्षात्कार करा दिए जाने के बाद उन्होंने पूर्ण समर्पण कर दिया और उसी प्रेरणा के आधार पर जीवन जिया | वह सत्य अर्थात वही सनातन, मानवीय, भारतीय, हिंदुत्व या विवेकानन्द जीवन द्रष्टि | यह वही आधारशिला थी जिसने भीषण झंझावातों में भी इस राष्ट्र को खडा रखा | विवेकानंद जी के विचारों के महत्वपूर्ण विन्दु थे, कण कण में भगवान | विश्वरूप परमेश्वर | चारों ओर जो जन है वही जनार्दन है | अहंकार रहित होकर उसकी सेवा करो | वह साक्षात शिव ही मेरे उद्धार के लिए जीव रूप में आया है, जिसकी कृतज्ञ भाव से मुझे सेवा करनी है |

सनातन जीवन द्रष्टि में मनुष्य पाप का उत्पाद नहीं, अमृतस्य पुत्रः कहा गया है | अतः स्वयं को छोटा मत समझो, कोई एक विचार पकड़ो और उस विचार के प्रति पूर्ण समर्पित हो जाओ, तुम उस को पा जाओगे | दुर्बल न रहो शक्ति का साक्षात्कार करो | शक्ति का आत्यंतिक स्वरुप है प्रेम | यहाँ तक कि भयंकरता से भी प्रेम | काली रूप की पूजा वही तो है | जिससे सब डरते हैं, उसमें भी उसको देखो |

स्वामीजी का शिकागो भाषण इसलिए जगत प्रसिद्ध हुआ, क्योंकि वह स्वाभाविक आत्मीयता से दिया गया था | उन्होंने कहा कि मैं उस देश का सन्देश वाहक हूँ जिसने ईश्वर तक पहुँचने के सभी मार्गों को एक माना | जिसकी मान्यता है कि संघर्ष मत करो, एक दूसरे को बदलने की कोशिश मत करो | इस सभा के प्रारम्भ में हुआ घंटानाद जगत में व्याप्त कल्मष का मृत्युनाद

सिद्ध हो | उनके द्वारा कहे गए इन शव्दों के पीछे उनकी गहन तपस्या थी | अतः उसका प्रभाव हुआ |

भारतीय संस्कृति का यह विवरण भले ही उन्होंने अमरीका में दिया हो किन्तु वस्तुतः यह सन्देश भारत के लिए था | भारत उस समय आत्म अवसाद में था | गुलामी के कारण उत्पन्न हुई हीन ग्रंथि का शिकार था | विवेकानंद के इन शव्दों ने उसमें आत्म विश्वास जगाने का कार्य किया | वापस भारत लौट कर स्वामीजी ने घूम घूम कर देशवासियों को बताया कि विश्व गड्ढे में गिर रहा है और उसे केवल भारतीय दर्शन ही बचा सकता है | पश्चिम का विज्ञान व भारतीय आध्यात्म का सम्मिश्रण अर्थात भौतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए वैदिक दर्शन द्वारा अमरत्व की प्राप्ति | उन्होंने कहा कि हे भारत पश्चिमी चकाचोंध में भूलो मत कि तुम्हारा जीवन परोपकार के लिए है | यहाँ की महिलाओं का आदर्श सीता, सावित्री, दमयंती है | आत्मीयता का विस्तार ही सच्चा जीवन है | हे उमानाथ, हे गौरीनाथ, माँ मुझे मनुष्य बना दो | दरिद्र भारत वासी, पिछड़े भारत वासी मेरे वन्धु हैं | मेरे बचपन का झूला, यौवन की फुलवारी, बुढापे का सहारा यह भारत ही है |

दुनिया का अधूरापन आज जग जाहिर है | इसका विवेकानंद को पुर्वानुमान था अतः उन्होंने स्वावलम्बन का आग्रह किया तथा अनुकरण न करने की बात की | उन्होंने कहाकि पश्चिम से विज्ञान लो, संगठन कौशल, अनुशासन लो | किन्तु उन्होंने परानुशरण का कडा विरोध किया और कहा कि दूसरों का अनुशरण करोगे तो जग सिरमौर कैसे बनोगे ? स्पर्धा बंद करो, देशहित में मिलकर काम करो | देश को बड़ा बनाने के लिए भारतमाता व उसकी संतानों को ही अगले पचास वर्ष तक अपना प्रथम आराध्य मानो | तुम तब तक ही हिन्दू हो, जब तक इस शव्द के उच्चारण से तुम्हारी रगों में बिजली दौड़ती है, माँ की किसी संतान के छोटे से दुःख को दूर करने के लिए भी तुम सम्पूर्ण शक्ति लगाते हो | उन्होंने उस आदर्श विद्यालय की कल्पना की जहां भारत के तरुण नौकरी करने के लिए नही, वरन सेवा व समर्पण की शिक्षा लें और उन तेजस्वी तरुणों के श्रम से भारत का भाग्य सूर्य उदय हो |

यह जीवन बनाने का तेजस्वी विचार ग्रहण कर उसे जीवन में उतारें तभी इन विचारों की सार्थकता है | विचार सत्य होता है, किन्तु उसके पैर नहीं होते | धर्म सत्य है किन्तु आचार से बढ़ता है | धर्मो रक्षति रक्षितः | विवेकानंद ने भारत को युग धर्म बताया, उसे हमें आचरण में लाना होगा | इस देश के उत्थान के लिए विवेकानंद ने जीवन लगाया | उनके गुरू ने उन्हें समाधि का अनुभव तो कराया, किन्तु फिर कहा, अब बस, आगे और नहीं | तुम्हें तो बट वृक्ष बनना है, समाज को दिशा देना है, उसके सामने आत्मोन्नति गौण है | गुरू ने कहा अब दरवाजा बंद, उस पर ताला जड़ दिया है और उसकी चाबी मेरे पास है, अब काम करो, माँ जब उचित समझेंगी तुम्हे चाबी दे देंगी |

इसके बाद विवेकानंद ने भारत के एक एक व्यक्ति को जगाने में स्वयं के शरीर को इतना जर्जर कर लिया कि ३९ वर्ष की अल्प आयु में ही संसार छोड़ गए | उनके कुछ पत्रों में उस शारीरिक पीड़ा की झलक मिलती है | असह्य शरीरिक कष्ट सहकर भी वे निरंतर काम करते रहे | उन्होंने कहा था कि मैं निश्चय से देख रहा हूँ कि भारत की तरुनाई सत्य की अनुभूति कर भारत को विश्वगुरू बनाने की कल्पना साकार करेगी | भारतमाता पुनः भव्य दिव्य सिंहासन पर आरूढ़ हो समस्त विश्व को कल्याण का आशीर्वाद देगी |

स्वावलंबन व आत्म गौरव के साक्षात्कार द्वारा हमें सम्पूर्ण विश्व का कल्याण करना है | पैदल चलकर अथवा नौकाओं के माध्यम से विश्व के सुदूर क्षेत्रों में जाजाकर आयुर्वेद, गणित व विज्ञान का दान हमारे पूर्वजों ने विश्व को दिया, आज फिर वही पराक्रम दिखाने का समय आ गया है | मेरा जीवन मेरे सुख के लिए नहीं, मेरी शक्ति सामर्थ्य का उपयोग दरिद्र नारायण की सेवा के लिए, भारत को विश्वगुरू बनाने के लिए करूंगा, यह संकल्प लेकर जाए | ऐसा जीवन ही न केवल स्वयं के लिए, न केवल भारत के लिए वरन सम्पूर्ण विश्व के लिए जीवन दाई होगा | आपके सबके अंतस में यह भाव जगे यहीं मंगल कामना |

मंच पर माखनलाल विश्व विद्यालय के कुलपति श्री वृजकिशोर कुठियाला भी उपस्थित थे | सभा का संचालन श्री जगदीश उपासने ने तथा आभार प्रदर्शन डा. चंदर सोनाने ने किया | कार्यक्रम में चार मुख्य मंत्री सर्व श्री सुन्दरलाल पटवा, कैलाश जोशी, उमाश्री भारती, बाबूलाल गौर सहित अनेक सामाजिक, राजनैतिक व गणमान्य नागरिकों के अतिरिक्त बड़ी संख्यामें पत्रकारिता विश्व विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे | कार्यक्रम के अंत में वन्देमातरम का गान हुआ |

  • email
  • facebook
  • twitter
  • google+
  • WhatsApp

Related Posts

Articles

ಒಂದು ಪಠ್ಯ – ಹಲವು ಪಾಠ

May 25, 2022
Blog

भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिश्च

May 16, 2022
Others

ಸ್ವನಾಮ ಧನ್ಯ ಶ್ರೀ ಗೋಪಾಲ ಕೃಷ್ಣ ಗೋಖಲೆ

May 9, 2022
News Digest

ದೇಶದ ಮೊದಲ ಸೆಮಿಕಂಡಕ್ಟರ್ ಘಟಕ ರಾಜದಲ್ಲಿ ಸಾಪನೆಗೆ ಬೃಹತ್ ಒಪ್ಪಂದ

May 2, 2022
News Digest

ಸ್ವಾಮಿ ವಿವೇಕಾನಂದರ ಯೋಗಿ ಅರವಿಂದರ ಕನಸುಗಳನ್ನು ಸಾಕಾರಗೊಳಿಸುವುದು ನಮ್ಮ ಸಂಕಲ್ಪ – ಡಾ.ಮೋಹನ್ ಭಾಗವತ್

April 15, 2022
Blog

ಬ್ರಿಟೀಷರ ಕ್ರೌರ್ಯದ ಪರಮಾವಧಿ – ಜಲಿಯನ್‌ವಾಲಾಭಾಗ್ ಹತ್ಯಾಕಾಂಡ

April 13, 2022
Next Post

ದೇಶದ್ರೋಹಿಗಳಿಗೆ ಕ್ಷಮಾದಾನ! ದೇಶಭಕ್ತರಿಗೆ ಸ್ಮಶಾನ ! ದು.ಗು.ಲಕ್ಷ್ಮಣ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

ಒಂದು ಪಠ್ಯ – ಹಲವು ಪಾಠ

May 25, 2022

ಎಬಿಪಿಎಸ್ ನಿರ್ಣಯ – ಭಾರತವನ್ನು ಸ್ವಾವಲಂಬಿಯಾಗಿಸಲು ಉದ್ಯೋಗಾವಕಾಶಗಳ ಪ್ರೋತ್ಸಾಹಕ್ಕೆ ಒತ್ತು

March 13, 2022

ಟೀ ಮಾರಿದ್ದ ನ್ಯಾಯಾಲಯದಲ್ಲೇ ವಕೀಲೆಯಾದ ಛಲಗಾತಿ!

March 8, 2022

ನಮ್ಮ ನೆಲದ ಚಿಂತನೆಯ ಆಧಾರದ ರಾಷ್ಟ್ರದ ಪುನರ್ನಿರ್ಮಾಣ ಅಗತ್ಯ – ಪಿ ಎಸ್ ಪ್ರಕಾಶ್

May 7, 2022

ಹಗರಿಬೊಮ್ಮನಹಳ್ಳಿಯಲ್ಲಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸ್ವಯಂಸೇವಕ ಸಂಘದ ಶಿಕ್ಷಾ ವರ್ಗದ ಸಮಾರೋಪ

May 13, 2022

EDITOR'S PICK

Hang Afzal Guru soon : RSS Veteran MG Vaidya

November 22, 2012
#GrihamPratiSamskritam Campaign; Samskrita Bharati reaches 424,000 doorsteps imbuing the spirit of Samskrit Learning

#GrihamPratiSamskritam Campaign; Samskrita Bharati reaches 424,000 doorsteps imbuing the spirit of Samskrit Learning

August 24, 2015
RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat attends ‘Gunavatta Patha Sanchalan’ Program at Bhopal

‘उत्कृष्टता बढ़ाने के लिये सतत विचार आवश्यक’: संघ के सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत

March 1, 2014
Kishtwar attack is an “Agitational Terrorism” being adopted by the Hurriyat Conference: An Analysis

Kishtwar attack is an “Agitational Terrorism” being adopted by the Hurriyat Conference: An Analysis

August 10, 2013

Samvada ಸಂವಾದ :

Samvada is a media center where we discuss various topics like Health, Politics, Education, Science, History, Current affairs and so on.

Categories

Recent Posts

  • Alapuzha – One arrested for provocative sloganeering during PFI rally
  • ಪಠ್ಯಪುಸ್ತಕಗಳು ಕಲಿಕೆಯ ಕೈದೀವಿಗೆಯಾಗಲಿ
  • ಒಂದು ಪಠ್ಯ – ಹಲವು ಪಾಠ
  • ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಜೊತೆಗೆ ಸಾಂಸ್ಕೃತಿಕ ಆಯಾಮ : ಇಂದಿನ ಅಗತ್ಯತೆ – ಶ್ರೀ ಮುಕುಂದ ಸಿ.ಆರ್‌
  • About Us
  • Contact Us
  • Editorial Team
  • Errors/Corrections
  • ETHICS POLICY
  • Events
  • Fact-checking Policy
  • Home
  • Live
  • Ownership & Funding
  • Pungava Archives
  • Subscribe

© samvada.org - Developed By gradientguru.com

No Result
View All Result
  • Samvada

© samvada.org - Developed By gradientguru.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In