• Samvada
Monday, May 23, 2022
Vishwa Samvada Kendra
No Result
View All Result
  • Login
  • Samvada

    ಪ್ರಬೋದಿನೀ ಗುರುಕುಲಕ್ಕೆ NIOS ಅಧಿಕಾರಿಗಳ ಭೇಟಿ

    ಮಾರ್ಚ್ ೧೧ರಿಂದ ೧೩ರವರೆಗೆ ಗುಜರಾತಿನಲ್ಲಿ ಅಖಿಲ ಭಾರತ ಪ್ರತಿನಿಧಿ ಸಭಾ

    Evacuation of Indians stranded in Ukraine by Government of India

    Ukraine Russia Crisis : India abstained from UNSC resolution

    Trending Tags

    • Commentary
    • Featured
    • Event
    • Editorial
  • Samvada

    ಪ್ರಬೋದಿನೀ ಗುರುಕುಲಕ್ಕೆ NIOS ಅಧಿಕಾರಿಗಳ ಭೇಟಿ

    ಮಾರ್ಚ್ ೧೧ರಿಂದ ೧೩ರವರೆಗೆ ಗುಜರಾತಿನಲ್ಲಿ ಅಖಿಲ ಭಾರತ ಪ್ರತಿನಿಧಿ ಸಭಾ

    Evacuation of Indians stranded in Ukraine by Government of India

    Ukraine Russia Crisis : India abstained from UNSC resolution

    Trending Tags

    • Commentary
    • Featured
    • Event
    • Editorial
No Result
View All Result
Samvada
Home Others

RSS Chief Bhagwat felicitates Chiranjeev Singh, Mukhya Samrakshak of Rashtriya Sikh Sanghat

Vishwa Samvada Kendra by Vishwa Samvada Kendra
December 21, 2015
in Others
243
0
RSS Chief Bhagwat felicitates Chiranjeev Singh, Mukhya Samrakshak of Rashtriya Sikh Sanghat
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

NEW DELHI Dec 19: RSS chief Mohan Bhagwat said there may be various designations in the organisation, but actually all are volunteers.
“Somebody has been made Sarasanghchalak or Sanghachalak can be the viewpoint for others. Here we are are all (swayamsewak) volunteers,” Bhagwat said at an event where Senior Pracharak and Mukhya Samrakshak of Rashtriya Sikh Sanghat Chiranjeev Singh was felicitated, who turned 85 recently. Mohan Bhagwat also recounted an incident where former RSS Chief MS Golwalkar had to bow to the wishes of others in the organisation and be part of an event for which he was not keen.

Bhagwat also said that ‘pracharaks’ of RSS come to serve the organisation without seeking anything. A Sangh Pracharak, he said, only gives to the organisation, and seeks nothing for himself.

READ ALSO

भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिश्च

ಸ್ವನಾಮ ಧನ್ಯ ಶ್ರೀ ಗೋಪಾಲ ಕೃಷ್ಣ ಗೋಖಲೆ

नई दिल्ली, 19 दिसम्बर 2015 । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने संघ के ज्येष्ठ प्रचारक सरदार चिरंजीव सिंह जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि दीपक की तरह संघ के प्रचारक दूसरों के लिए जल कर राह दिखाते हैं। सम्मान आदि से प्रचारक दूर रहना ही पसंद करते हैं। संघ में व्यक्ति के सम्मान की परंपरा नहीं है, किंतु संगठन के लाभ के लिए न चाहते हुए भी सम्मान अर्जित करना पड़ता है। सरसंघचालक जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं वर्तमान में राष्ट्रीय सिख संगत के मुख्य संरक्षक सरदार चिरंजीव सिंह जी के  85 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर नई दिल्ली स्थित मावलंकर सभागार में आयोजित सत्कार समारोह में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये सिख संगत के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

Sarsanghchalak ji

सरसंघचालक जी ने बताया कि जीवन का आदर्श अपने जीवन से खड़ा करना यह सतत तपस्या संघ के प्रचारक करते हैं। इसके लिए वह स्वयं को ठीक रखने की कोशिश जीवन पर्यन्त करते है। महापुरुषों के जीवन का अनुसरण करते रहने वाले साथी मिलते रहें यह अधिक महत्त्वपूर्ण है। धन से ज्यादा,  संगठन का फायदा इसमें है कि जो रास्ता संगठन दिखाता है उस रास्ते पर चलने की हिम्मत समाज में बने।

उन्होंने बताया कि संघ में प्रचारक निकाले नहीं जाते वह अपने मन से बनते हैं। जिसको परपीड़ा नहीं मालूम होती वह कैसे पुरुष हो सकता है। मनुष्य को मनुष्य होने का साहस करना होता है, संघ स्वयंसेवको को ऐसा वातावरण देता है। सरदार चिरंजीव सिंह जी के जीवन से ऐसा उदाहरण देख लिया है। अब हम लोगों के ऊपर है कि हम कैसे उनके जीवन के अनुसार चल सकते हैं। अपनी शक्ति बढ़ाते चलो अपना संगठन मजबूत करते चलो, सरदार चिरंजीव सिंह जी ने ऐसा कर के दिखाया। अगर यह परंपरा आगे चलाने की कोशिश हम सभी करें तो किसी भी धन प्राप्ति से ज्यादा ख़ुशी उनको होगी।

राष्ट्रीय सिख संगत के संरक्षक सरदार चिरंजीव सिंह जी ने बताया कि संघ में प्रचारक बनने के लिए किसी घटना की आवश्यकता नहीं होती, जैसे परिवार का काम करते हो वैसे समाज का काम करो। सहज और स्वभाविक रूप से आप समाज के लिए काम करो। उन्होने डॉ। हेडगेवार जी का संदर्भ दिया कि उन्होंने केवल 5 बच्चों को साथ लेकर संघ की स्थापना की। यही एक घटना हो सकती है हम सभी के संघ में आने के लिए। संघ का काम यही है कि देश के प्रति एक आग उत्पन्न कर देना, अब उस व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है कि वह प्रचारक जीवन अपनाता है या फिर अन्य मार्ग से देश की सेवा करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एकमात्र संगठन है जिसमे व्यक्ति सिर्फ देने ही आता है, अपने लिए कुछ नहीं मांगता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सिख गुरुओं का हृदय से बहुत आदर करता है। गुरु गोविंद सिंह जी ने जिन लोगों के लिए सब कुछ किया जब उन लोगों ने कुछ नहीं किया तो उन्होंने उनके लिए कुछ बुरा नहीं कहा।  आज हम अपनी कमजोरियों की जिम्मेदारी दूसरों पर डालना चाहते हैं, भारतवर्ष के पतन का यह बहुत बड़ा कारण है, क्योंकि हम दूसरों को ही बुरा ठहराने की कोशिश करते हैं। उन्होंने गुरुवाणी के आधार पर सारे समाज को जागृत करने को कहा कि सिख धर्म वास्तव में क्या है। गुरुओं के उपदेश के अनुसार सिखों से  आचरण करने को कहा।

2 copy

राष्ट्रीय सिख संगत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरचरन सिंह गिल जी द्वारा कार्यक्रम का भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरदार चिरंजीव सिंह का जन्म माता जोगेन्दर कौर व पिता सरदार हरकरण सिंह के गृह शहर पटियाला में अश्विन शुक्ल नवमी, वि।सं। 1987 ई। तद्नुसार 1 अक्टूबर 1930 को हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सनातन धर्म इंग्लिश हाई स्कूल पटियाला में हुई। वे सातवीं कक्षा से संघ के सम्पर्क में आये तथा तब से सदा के लिए संघ के होकर रह गये। 1948 में मैट्रिक करने के बाद उन्होंने अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र व दर्शनशास्त्र से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसी बीच जब संघ पर प्रतिबंध लगा तो वे सत्याग्रह कर जेल गए। परिवार के स्वप्न थे कि चिरंजीव सिंह जी किसी बड़ी नौकरी में जा कर धन व यश कमायें, पर संघ शाखा से मिले संस्कार उन्हें अपना जीवन, अपनी पवित्र मातृभूमि व देश पर बलिदान करने की ओर ले जा रहे थे। वह 14 जून 1953 को आजीवन देश सेवा के लिए संघ के प्रचारक हो गए। वह विभिन्न जिलों के प्रचारक, बाद में लुधियाना के विभाग प्रचारक व पंजाब के सह-प्रचारक रहे। आपात्काल में लोकशाही की पुनः प्रस्थापना के जनसंघर्ष में सक्रिय रहे। भूमिगत रहकर सैंकड़ों बंधुओं को संघर्ष में सहभागी होने की प्रेरणा दी।

पंजाब में उग्रवाद के दिनों में जब सामाजिक समरसता की बात कहना दुस्साहस ही था, तब इन्होंने पंजाब कल्याण फोरम बनाकर इसके संयोजक का महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। वे जान हथेली पर रखकर सांझीवालता की सोच रखने वाले सिख विद्वानों, गुरुसिख संतों व प्रमुख हस्तियों से निरंतर संवाद बनाये रहे तथा उग्रवाद से पीडि़त परिवारों को संवेदना व सहयोग प्राप्त करवाते रहे। उन्होंने गुरुसिख व सनातन परम्परा के संतो से संवाद बनाकर, समाज में आत्मीयता, प्रेम, सौहार्द व सांझीवालता का सन्देश सब जगह पहुंचाने के लिए “ब्रह्मकुण्ड से अमृतकुंड” नाम से, एक विशाल यात्रा हरिद्वार से अमृतसर तक निकाली जिसमें सारे भारत से लगभग एक हजार संतों की भागीदारी रही। इस यात्रा से लोगों में व्याप्त भय कम हुआ तथा समरसता का वातावरण बना।

70 व 80 के दशक में पंजाब के तनावपूर्ण वातावरण तथा 1984 में श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दिल्ली, कानपुर, बोकारो इत्यादि में सिखों के नरसंहार के कारण जब भाईचारे की परम्परागत कडियाँ तनाव महसूस करने लगीं तब चिरंजीव सिंह जी ने सिख नेताओं और संतों के साथ मिलकर राष्ट्रीय सिख संगत की स्थापना की। 1990 में वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। खालसा सिरजना के 300 वर्ष पूरे होने पर सांझीवालता का सन्देश देने के लिए भारत के विभिन्न मत सम्प्रदायों के संतों से सम्पर्क कर, श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के जन्मस्थल पटना साहिब से राजगीर बोधगया, काशी, अयोध्या से होती हुई 300 संतों की यात्रा निकाली। यह यात्रा 24 मार्च 1999 से शुरु होकर 10 अप्रैल को श्री आनंदपुर साहिब के मुख्य आयोजन, संत समागम, में सम्मिलित हुई। इस यात्रा का हरिमंदिर साहिब, दमदमा साहब, केशगढ़ साहिब जैसे सभी प्रमुख गुरुद्वारों में सम्मान सत्कार हुआ। इस यात्रा से सारे देश में एकात्मता एवं सांझीवालता का वातावरण बना। सरदार जी ने सन् 2000 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित मिलेनियम-2, विश्व धर्म सम्मेलन में भागीदारी की व संगठन के विस्तार के लिए इंग्लैंड व अमेरिका की यात्रा की।

3-

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ गुरुतेगबहादुर पब्लिक स्कूल मॉडल टाउन दिल्ली के छात्रों द्वारा शबद गायन ‘देहि शिवा वर मोहि इहे’ द्वारा किया गया। इस अवसर पर सरदार चिरंजीव सिंह जी द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। उनको सम्मान स्वरुप 85 लाख रुपये की राशि प्रदान की गयी जो उन्होंने सिख इतिहास में शोध कार्य के लिए केशव स्मारक समिति को धरोहर स्वरूप सौंपी। जो बाद में भाई मनि सिंह गुरुमत शोध एंड अध्ययन संस्थान ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दी गयी। इस अवसर पर संत बाबा निर्मल सिंह जी (बुड्ढा बाबा के वंशज), उत्तर क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंग लाल गुप्त, दिल्ली प्रान्त संघचालक भी उनके साथ मंचस्थ थे।  मंच सञ्चालन दिल्ली प्रान्त सह संघचालक आलोक जी ने किया।

4

  • email
  • facebook
  • twitter
  • google+
  • WhatsApp

Related Posts

Blog

भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिश्च

May 16, 2022
Others

ಸ್ವನಾಮ ಧನ್ಯ ಶ್ರೀ ಗೋಪಾಲ ಕೃಷ್ಣ ಗೋಖಲೆ

May 9, 2022
News Digest

ದೇಶದ ಮೊದಲ ಸೆಮಿಕಂಡಕ್ಟರ್ ಘಟಕ ರಾಜದಲ್ಲಿ ಸಾಪನೆಗೆ ಬೃಹತ್ ಒಪ್ಪಂದ

May 2, 2022
News Digest

ಸ್ವಾಮಿ ವಿವೇಕಾನಂದರ ಯೋಗಿ ಅರವಿಂದರ ಕನಸುಗಳನ್ನು ಸಾಕಾರಗೊಳಿಸುವುದು ನಮ್ಮ ಸಂಕಲ್ಪ – ಡಾ.ಮೋಹನ್ ಭಾಗವತ್

April 15, 2022
Blog

ಬ್ರಿಟೀಷರ ಕ್ರೌರ್ಯದ ಪರಮಾವಧಿ – ಜಲಿಯನ್‌ವಾಲಾಭಾಗ್ ಹತ್ಯಾಕಾಂಡ

April 13, 2022
Others

Oxford university hindoo society celebrates Chaitra navaratri and performs homa

April 12, 2022
Next Post
VIDEO: RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat’s speech on Samajik Samarasata at Nagpur

VIDEO: RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat's speech on Samajik Samarasata at Nagpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

ಎಬಿಪಿಎಸ್ ನಿರ್ಣಯ – ಭಾರತವನ್ನು ಸ್ವಾವಲಂಬಿಯಾಗಿಸಲು ಉದ್ಯೋಗಾವಕಾಶಗಳ ಪ್ರೋತ್ಸಾಹಕ್ಕೆ ಒತ್ತು

March 13, 2022

ಟೀ ಮಾರಿದ್ದ ನ್ಯಾಯಾಲಯದಲ್ಲೇ ವಕೀಲೆಯಾದ ಛಲಗಾತಿ!

March 8, 2022

ನಮ್ಮ ನೆಲದ ಚಿಂತನೆಯ ಆಧಾರದ ರಾಷ್ಟ್ರದ ಪುನರ್ನಿರ್ಮಾಣ ಅಗತ್ಯ – ಪಿ ಎಸ್ ಪ್ರಕಾಶ್

May 7, 2022

ಹಗರಿಬೊಮ್ಮನಹಳ್ಳಿಯಲ್ಲಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸ್ವಯಂಸೇವಕ ಸಂಘದ ಶಿಕ್ಷಾ ವರ್ಗದ ಸಮಾರೋಪ

May 13, 2022

ಸಂಘಕಾರ್ಯದ ಮೂಲಕ ಸಮಾಜದ ಆಂತರಿಕ ಶಕ್ತಿ ಹೆಚ್ಚಿಸಬೇಕಿದೆ – ದತ್ತಾತ್ರೇಯ ಹೊಸಬಾಳೆ ಕರೆ

March 14, 2022

EDITOR'S PICK

Saving unique Hindu Temple traditions, panel discussion by Organiser weekly in Bengaluru.

Saving unique Hindu Temple traditions, panel discussion by Organiser weekly in Bengaluru.

December 28, 2018
RSS revises Karnataka State team at ABPS Meet Nagpur; Sudhir, New Pranth Pracharak

RSS revises Karnataka State team at ABPS Meet Nagpur; Sudhir, New Pranth Pracharak

March 24, 2015
RSS Press Release; Condemns Home Secretary statements, claims it as ‘Misleading’ & ‘Politically Motivated’

RSS Press Release; Condemns Home Secretary statements, claims it as ‘Misleading’ & ‘Politically Motivated’

January 25, 2013
‘If AFSPA lifted from J&K, Pakistan will send terrorists into Valley’, says RSS Chief Mohan Bhagwat

‘If AFSPA lifted from J&K, Pakistan will send terrorists into Valley’, says RSS Chief Mohan Bhagwat

November 14, 2011

Samvada ಸಂವಾದ :

Samvada is a media center where we discuss various topics like Health, Politics, Education, Science, History, Current affairs and so on.

Categories

Recent Posts

  • ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಜೊತೆಗೆ ಸಾಂಸ್ಕೃತಿಕ ಆಯಾಮ : ಇಂದಿನ ಅಗತ್ಯತೆ – ಶ್ರೀ ಮುಕುಂದ ಸಿ.ಆರ್‌
  • ಸಾಮಾಜಿಕ ಕ್ರಾಂತಿಯ ಹರಿಕಾರ ರಾಜಾ ರಾಮ್ ಮೋಹನ್ ರಾಯ್
  • ಸಾಮಾನ್ಯನ ಹಣೆಪಟ್ಟಿಯಿಂದ ಸಂತ ಪಟ್ಟದವರೆಗೆ – ೩೫೦ ವರ್ಷಗಳ ವ್ಯವಸ್ಥಿತ ಪಯಣ
  • Raksha Mantri launches two indigenous frontline warships; Surat (Guided Missile Destroyer) & Udaygiri (Stealth Frigate)
  • About Us
  • Contact Us
  • Editorial Team
  • Errors/Corrections
  • ETHICS POLICY
  • Events
  • Fact-checking Policy
  • Home
  • Live
  • Ownership & Funding
  • Pungava Archives
  • Subscribe

© samvada.org - Developed By gradientguru.com

No Result
View All Result
  • Samvada

© samvada.org - Developed By gradientguru.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In