Kolkata Dec 20: Gharwapsi, the campaign to help people of other faiths to return or reconvert to Hinduism will continue, Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat said on Saturday, asked the criticizers, parties to bring in a law to ban religious conversions if they wanted to stop ‘Ghar Wapsi’.
RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat at Kolkata VHP Rally Dec 20-2014
Expressing his support for the anti-conversion bill proposed by the Centre, Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat on Saturday asked Opposition parties to facilitate bringing law in Parliament, if they did not like conversion.
He also said that if someone does not like to be converted to Hinduism, then Hindus, likewise, should not be converted.
“We are trying to create a strong Hindu society. Those who have strayed, they have not gone on their own. They have been allured and have been forcibly taken away. When the thief is being caught and my property has been recovered, when I am taking back my own property, what is new in it?” Mr. Bhagwat wondered at a Hindu sammelan in Kolkata.
“If you don’t like it, then bring law against it. You don’t want to bring it. If you don’t want to change into a Hindu, then you should not convert Hindus too. We are firm in our position,” he said.
Hindu rising
“There is no need to fear. We are in our own country. We are not intruders or infiltrators. This is our own country, our Hindu ‘rashtra’ (nation). A Hindu will not leave his land. What we have lost in the past, we will try to bring it back. No one should be afraid of Hindus rising. Those who are raising voice against the rise of Hindus are selfish and are having vested interests,” he said.
Mohan Bhagwat said that Hindu society does not believe in suppressing anyone. “Hindus have been tolerating whether it is crimes by Bangladesh or Pakistan. Our God says that after 100 crimes, don’t tolerate crimes against Hindus,” he said.
Stating that Pakistan too had been part of India before partition, he said that Hindus do not have a very strong presence there which is why Pakistan can’t live in peace. “Till the Hindus are here in India, the country is there. If Hindus are not there, then everybody living here will be in distress,” Mr. Bhagwat observed. He also said that Hindus were strong enough to save their property and honour, adding that “for the betterment of the entire world, there is need for a strong Hindu society”.
Dr Togodia supports anti-conversion bill
Viswa Hindu Parishad international president Pravin Togadia too supported Mr. Bhagwat’s view on bringing a law on anti-conversion.
“My brother Mulayam (Singh Yadav)… if conversion is a crime, if theft is a crime… if there is law against stealing, then why shouldn’t there be a law against conversion… then why are you opposing anti-conversion law in Parliament,” Mr. Togadia said.
“Even if you bring anti-conversion bill, we will support it,” Mr. Togadia said at the meeting.
(Courtesy: HT, Hindu))
सरसंघचालक श्री मोहन भगवत जी का कोलकाता में हुआ पूरा भाषण
हमने संकल्प किया है | हिन्दू समाज जब-जब मन से संकल्प करता है, उस संकल्प को अवरुद्ध करने की शक्ति दुनिया में किसी की नहीं होती | क्योंकि हिन्दू समाज का संकल्प सत्य संकल्प होता है | सबका मंगल करने वाला संकल्प होता है | किसी के विरोध में वह संकल्प नहीं होता है | अपने पवित्र हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति व् हिन्दू समाज के संरक्षण तथा उसकी सर्वांगींण उन्नति का वह संकल्प होता है | और इतिहास साक्षी है, कि जब-जब हिन्दू समाज की उन्नति हुई है, तब-तब सब प्रकार के संत्राशो से आसमानिया सुलतानी संकटो से त्रस्त दुनिया को सुख-शांति का नया रास्ता मिला है | हम लोगो ने आज जो संक्ल्प लिया है वो सत्य संकल्प है | हम लोग संकल्प करते है, उल्टी-सीधी चर्चा करने वाले दुनिया में लोग है | उससे अपने मन में शंका नहीं लाना | यहाँ पर हम लोग सम्मलेन कर रहे है | हमारे कार्यकर्तागन हमारे लिए दिग्दर्शन दे रहे है | हमारे संतगण हमारे लिए संकल्प दे रहे है | उसमे सब के कल्याण की भावना है | और उसकी शुद्ध है सत्य है और उस संकल्प के पीछे हम सब लोगो के दृढसंकल्प का और बाहुओ के बल का पुरुषार्थ खड़ा है | हिन्दू समाज जाग रहा है | सज्जनों को हर्षित करने वाली और दुर्जनों को भयकंपित करने वाली बात अब प्रत्यक्ष हो रही है | हम लोगो को उस संकल्प पर पक्का रहना पड़ेगा | प्रत्येक को पक्का रहना पड़ेगा | हमे किसी प्रकार का भय करने की आवश्यकता नहीं है | किस बात का भय करना है ? हम अपने देश में है | हम कही दूसरी जगह से यहाँ पर घुस कर नहीं आये, घुसपैठ करके नहीं आये | हम बाहर से यहाँ बसने के लिए भी नहीं आये | हम यहीं पर जन्मे, इसी मिटटी में पले, इसी देश के उत्थान में लगे पूर्वजो के वंशज है | यह हमारा देश है | यह हमारा हिन्दू राष्ट्र है | हिन्दू भागेगा नहीं | हिन्दू अपनी भूमि, अपनी जगह छोड़ेगा नहीं | जो कुछ पहले की हमारी निद्रा के कारण गया है, उसको वापस लाने का पुरुषार्थ अब हम करेंगे | सपूर्ण दुनिया की भलाई के लिए हिन्दू जाग रहा है | उसके जागने से किसी को डरना नहीं चाहिए | डरेंगे वहीं जो स्वार्थी होंगे या दुष्ट होंगे और इसलिए हिन्दू समाज के जागरण के विरुद्ध में उठने वाली आवाजें केवल उन्ही लोगो की होती है जिनके स्वार्थ को खतरा होता है या जिनकी दुष्टता पर प्रतिबन्ध आता है | हिसाब करले दुनिया | कभी हिन्दू समाज ने किसी और को दबाने की बात की नहीं है | आज भी नहीं करता है | इतने अपराध पाकिस्तान करता है, इतने अपराध घुशपैठी बंगलादेशीयो की तरफ़ा से होते है | हिन्दू अभी तक केवल सेहन करता आ रहा है | लेकिन हमारे भगवान् सिखाते है कि १०० अपराधो के बाद सहन भी मत करो | अब १०० अपराध पुरे हो गये है | अब और क्या होना बाकि है ? कितना सहन करना है? केवल हमको सहन नहीं करना पड़ता | इनको तो दुनिया को सहन करना पड़ रहा है | और दुनिया के पास उपाय नहीं है | हमारे पास उपाय है | हम जानते है अगर हम खड़े हो जाते है तो फिर कोई दुष्ट ताकत, कोई स्वार्थी ताकत हमारे सम्मिलित संगठित शक्ति के सामने खड़ी नहीं रह सकती | लड़ने की बात तो और है |
एक बार शंकर जी विष्णु जी को मिलने गये | अपना-अपना वाहन लेके | विष्णु जी गये शंकर जी के कैलाश पर दर्शन के लिए | शिवजी ने आशीर्वाद दिया, शुभकामनायें दी, दोनों की बात होने लगी | तो शंकर जी के गले में सांप था | उसने देखा विष्णु जी गरुड़ पर बैठे है | गरुड़ के आगे सांप रहता नहीं भागता है | लेकिन अब शिवजी के गले में था इसलिए हिम्मत करके बोला, ‘क्यों गरुड़ जी सब हाल-चाल ठीक है ना’ | तो गरुड़ जी ने कहा हाल-चाल तब तक ठीक है तब तक तुम शिवजी के गले में हो | जरा भूमि पर उतर आओ फिर हाल-चाल बताता हूँ | अब हिन्दू का यहीं कहना है कि शिवजी के गले में बैठे हो तब तक तुम्हारा ठीक है | अब जमीन पर उतरने की भूल मत करना | क्योंकि अब हिन्दू जाग रहा है | हिन्दू जागा है | हिन्दू अपनी सुरक्षा कर लेगा | हिन्दू अपनी उन्नति कर लेगा | और इतना ही नहीं दुनिया के सब संत्रस्त लोगो को हिन्दू अभय प्रदान करेगा | सारी दुनिया में सुख-शांति पूर्ण लोकजीवन चलता रहे ऐसा कल्याणकारक पथ अपने पथ से सारी दुनिया को हिन्दू समाज बताएगा | लाउडस्पीकर पर इतने जोर से मै बोल रहा हूँ, हमेशा नहीं बोलता | किसके भरोसे बोल रहा हूँ ? आप लोगो के भरोसे बोल रहा हूँ | आप लोगो ने संकल्प लिया है ये देख कर बोल रहा हूँ | इतनी बड़ी मात्रा में यहाँ पर लोग उपस्थित है यह देखकर बोल रहा हूँ | हम इकट्ठा होंगे, हम संकल्प लेंगे, हम उसपर दृढ रहेंगे, हम उस संकल्प के योग्य अपने आप को बनायेंगे और मिलकर चलेंगे केवल हमारा ही नहीं सारी दुनिया के भले लोगो का कल्याण होगा और सारी दुनिया के दुष्ट लोगो को अपना मुंह छिपाने के लिए अँधेरे कोने की तलास करनी पड़ेगी | ये हमको करना है और ये पूरा होने तक अपने स्वार्थ का विचार नहीं करना | मेरा क्या होगा इससे डरना नहीं | हमारे स्वातंत्र्य योद्धा डरे नहीं | फांसी चढ़ रहे थे खुदीराम बोस | पब्लिक प्लेस में फांसी हो रही थी | सारा जनसमुदाय इकट्ठा हुआ, उसमे उनकी माता भी थी | माता की आँखों में आंशु थे लेकिन खुदीराम बोस डरे नहीं | खुदीराम बोस ने माता को कहा के हे माता धीरज रखो | अभी तो मै जा रहा हूँ लेकिन मेरा काम अभी पड़ा है अभी अधुरा | तो ९ महीने में वापिस आना है | तुम्हारे ही उदर में जन्म लूँगा और जन्म लेके काम पूरा करूँगा | देशभक्त हिन्दू का, सत्यभक्त हिन्दू का ऐसा चरित्र होता है | मेरे नौजवान भाइयो हमे उस चरित्र का परिचय फिर से देना पड़ेगा | हम केवल अपनी सुरक्षा के लिए नहीं लड़ रहे | केवल अपनी उन्नति के लिए नहीं लड़ रहे | हम तो अगर अपनी उन्नति और सुरक्षा की बलि देकर दुनिया का कल्याण होता है तो वो भी देने को तैयार रहने वाले है | दुनिया के कल्याण के लिए हलाहल कालकूट प्रासंग करने वाले शिवजी के हम वंसज है | शिवजी ने दुनिया को बचाने के लिए विष पी लिया था | आज दुनिया को बचाने के लिए सम्पूर्ण हिन्दू समाज फिर से अमृतसंजीवनी लेकर खड़ा हो इसकी आवश्यकता है और इसलिए उस हिन्दू समाज को खड़ा कर रहे है | हम सब लोग मिलकर खड़ा कर रहे है |
जो भूले भटके बिछड़ गये उनको वापस लायेंगे | हमारे से ही गये है | खुद नहीं गये | लोभ, लालच, जबरदस्ती से लूट लिए गये | अब हमसे जो लूट लिए गये, तो चोर पकड़ा गया, उसके पास मेरा माल है | दुनिया जानती है वो मेरा माल है तो मै उसको वापस लेता हूँ इसमें क्या बुराई है? पसंद नहीं तो कानून बनाओ | संसद ने कानून बनाने के लिए कहा है | कानून बनाने के लिए तैयार नहीं तो क्या करेंगे ? हमको किसी को बदलना नहीं है | हिन्दू किसी को बदलना है इसमें विश्वास नहीं करता | हिन्दू कहता है परिवर्तन अन्दर से होता है | लेकिन हिन्दू को परिवर्तन नहीं करना है तो हिन्दू का भी परिवर्तन नहीं करना चहिये | इस पर हिन्दू आज अड़ा है | खड़ा होगा और अड़ेगा | ये सारे संकल्प अभी इसी क्षण से अपने नित्य आचरण में लाना और उनपर अड़े रहना, खड़े रहना | आज के युग में हिन्दू धर्म के आचरण के लिए उसके प्राथमिक आचरण का यह साल है | उस पहले पायदान पर हम सबको रहना है | इस साल को देना नहीं है | गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान हुआ | आरी से उनको चीरा गया, उनका सर धड से अलग कर दिया आरी से | मुंह से एक सिसकारी नहीं निकली दर्द की | गर्दन काटने के बाद लोगो ने देखा रीड की हड्डी पर कोई कागज़ लपेटा है | उसपर लिखा था ‘ सर दिया लेकिन सार नहीं दिया ‘ | हमने आज हमको जो करना है उसका सारांश संकल्प रूप में ग्रहण किया है | हम सर दे देंगे सार नहीं देंगे | और सर भी नहीं देंगे सर बचायेंगे | सर काटने वालो से कटने वालो के सर बचायेंगे | सारी दुनिया को अभय देने वाला अपने आप में स्व-सुरक्षित, जिसकी और टेढ़ी आँख करके देखने की दुनिया के दुष्टों की हिम्मत नहीं होगी, ऐसा हिन्दू हम खड़ा करेंगे और हिन्दू के नाते सम्पूर्ण दुनिया को फिर से एक बार युगानुकुल मानव संस्कृति की दीक्षा देंगे | उस संकल्प के पूरा करने की और जाने के लिए ये जो छोटे-छोटे ९-११ संकल्प आपको दिए है, उंनका आचरण शुरू करना, इसी क्षण से प्रारंभ करना | जिसको जितना तुरंत संभव है उतना अपने रोज के आचरण में लागू करना, क्योंकि इस देश का हिन्दू इस देश के भाग्य के लिए उत्तरदायी है | हम जब कहते है भारत मेरा देश है तो हम ये नहीं कि कहते हम भारत के मालिक है | हम कहते है ये मातृभूमि है, मै उसका पुत्र हूँ | माता के लिए मेरा जन्म है | हम इसके उत्तरदायी है | जितने जल्दी हिन्दू समाज खड़ा हो जायेगा उतने जल्दी भारतभूमि पर बसने वाले हर एक का, वो किसी की भी पूजा करता हो, हर एक कल्याण होगा | और जब तक भारत भूमि में हिन्दू खड़ा नहीं है तब किसी का कल्याण नहीं है | क्या है, पाकिस्तान तो भारत भूमि ही है न | ये तो ४७ में कुछ हुआ इसलिए अभी वहां गयी है | परमानेंट थोड़े ही है | लेकिन आप देखिये वहां हिन्दू को खड़ा होने लायक नहीं रखा | उस दिन से आज तक पाक सुख में है या दुःख में? थोडा बहुत हिन्दू भारत में खड़ा है तो भारत पाकिस्तान से ज्यादा सुख में है कि दुःख में ? यही है, जो भारत था उसमे हिन्दू जब तक खड़ा है, भारत के सब लोगो का कल्याण है | भारत में हिन्दू अगर उत्तरदायी होकर खड़ा नहीं होता,संगठित होकर खड़ा नहीं होता, शक्तिसंपन्न होकर खड़ा नहीं होता तो भारतवर्ष में रहने वाले प्रत्येक को दुःख का ही सामना करना पड़ेगा | हम अपना दुःख दूर कर रहे है उससे दुनिया का दुःख दूर होने वाला है | ये समझे कि हम खड़े हो रहे है | जिनकी स्वार्थ की दूकान बंद होगी, जिनकी दुष्टता चल नहीं सकेगी, वो विरोध करने का थोडा बहुत प्रयास करेंगे | संघर्ष थोडा बहुत होगा | लेकिन संघर्ष करते समय भी हमको पता है कि ये तो हमारा दुष्टों की दुष्टता के खिलाफ संघर्ष है | स्वार्थी लोगो के स्वार्थ के खिलाफ संघर्ष है | हम किसी का द्वेष नहीं करते | एक राजकुमार को पूछा युद्धविद्या सीखने के बाद कि कितना सीखे हो ? कितने लोगो से लड़ सकते हो ? उसने उत्तर दिया कि मैं लड़ता नहीं हूँ किसी से, मै किसी से दुश्मनी नहीं करता क्योंकि कोई मेरा दुश्मन नहीं है | लेकिन मैं जानता हूँ कि दुनिया दुष्ट है और उसमे दुश्मनी करने वाले लोग है | तो ऐसे दुश्मनों से अपने आप को और अपनी प्रजा को मै बचा सकता हूँ, इतना लड़ना मै जानता हूँ | हिन्दू भी इतना लड़ना जानता है, और हिन्दू इतना ही लड़ता है, इससे ज्यादा नहीं लड़ता |
हिन्दू के प्रति किसी प्रकार की शंका करने का कोई कारण नहीं | हम हिन्दू है, हम हिन्दू रहेंगे और हिंदुत्व के जो काल सुसंगत शास्वत तत्व है, जो सारी दुनिया पर लागू होते है, जिनके आधार पर चलने से दुनिया का कल्याण होगा, उन तत्वों को अपने आचरण से हम सारी दुनिया को देने वाला हिन्दुस्थान खड़ा करना चाह रहे है | और उसको हम खड़ा करके रहेंगे | आज के सम्मलेन का अंतिम वृहत संकल्प यहीं है | हिन्दुस्थान में परम वैभव संपन्न हिन्दू राष्ट्र और सुखी सुन्दर मानवता संपन्न दुनिया बनाने वाला विश्व गुरु हिन्दुस्थान, इसको खड़ा करने के लिए हमने संकल्प लिया है ‘प्रारंभिक संकल्प’ | हमे उसके आचरण पर पक्का रहना है | देखिएगा ज्यादा समय नहीं लगेगा | यहाँ बैठे हुए जवानों की जवानी पार होने के पहले जो परिवर्तन आप जीवन में चाहते हो, उस परिवर्तन को होता हुआ आप अपनी आँखों से देखोगे | एक शर्त है, आज जो संकल्प आपने लिए उनपर आपको हर कीमत पर पक्का रहना पड़ेगा | और इसलिए इन संकल्पों का स्मरण नित्य मन में रखिये और अपना आचरण उस स्मरण के अनुसार कीजिये | आईटीआई एक ही बात मै आपके सामने रखता हूँ | और निर्भय होकर, आश्वस्त होकर अंतिम विजय की निश्चिंती मन में लेकर हम सब लोग चलना प्रारंभ करे इतना आह्वान करता हूँ और धन्यवाद के साथ मेरा यह छोटा भाषण समाप्त करताहूँ |