• Samvada
Tuesday, May 17, 2022
Vishwa Samvada Kendra
No Result
View All Result
  • Login
  • Samvada

    ಪ್ರಬೋದಿನೀ ಗುರುಕುಲಕ್ಕೆ NIOS ಅಧಿಕಾರಿಗಳ ಭೇಟಿ

    ಮಾರ್ಚ್ ೧೧ರಿಂದ ೧೩ರವರೆಗೆ ಗುಜರಾತಿನಲ್ಲಿ ಅಖಿಲ ಭಾರತ ಪ್ರತಿನಿಧಿ ಸಭಾ

    Evacuation of Indians stranded in Ukraine by Government of India

    Ukraine Russia Crisis : India abstained from UNSC resolution

    Trending Tags

    • Commentary
    • Featured
    • Event
    • Editorial
  • Samvada

    ಪ್ರಬೋದಿನೀ ಗುರುಕುಲಕ್ಕೆ NIOS ಅಧಿಕಾರಿಗಳ ಭೇಟಿ

    ಮಾರ್ಚ್ ೧೧ರಿಂದ ೧೩ರವರೆಗೆ ಗುಜರಾತಿನಲ್ಲಿ ಅಖಿಲ ಭಾರತ ಪ್ರತಿನಿಧಿ ಸಭಾ

    Evacuation of Indians stranded in Ukraine by Government of India

    Ukraine Russia Crisis : India abstained from UNSC resolution

    Trending Tags

    • Commentary
    • Featured
    • Event
    • Editorial
No Result
View All Result
Samvada
Home News Digest

Swadeshi Jagaran Manch National Conference begins at Nagpur

Vishwa Samvada Kendra by Vishwa Samvada Kendra
October 5, 2012
in News Digest
250
0
Swadeshi Jagaran Manch National Conference begins at Nagpur

Swadeshi Jagaran Manch National Conference -Nagpur Conference-Oct-5-2012

491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

न्यूजभारती, नागपुर :5अक्टूबर 2012 : विकास करते समय जीवनमूल्य और नैतिक मूल्य सुरक्षित नहीं रहेंगे तो विकास अमानवी रूप धारण कर सकता है यह बात ध्यान में रखते हुए, वैश्‍विक चिंतन के समक्ष, समग्रता से विचार करने वाला मार्गदर्शक भारतीय चिंतन प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी स्वदेशी जागरण मंच ने स्वीकारनी चाहिए, ऐसा प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह माननीय भैयाजी जोशी ने किया. वे स्वदेशी जागरण मंच (स्वजामं) की राष्ट्रीय सभा के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे.

Swadeshi Jagaran Manch National Conference -Nagpur Conference-Oct-5-2012

नागपुर के रेशिमबाग में ५ से ७ अक्टूबर तक आयोजित इस सभा के स्वागताध्यक्ष प्रभाकरराव मुंडले, स्वागत समिति सचिव अनुप सगदेव, स्वजामं के राष्ट्रीय संयोजक अरुण जी ओझा, सहसंयोजक सरोजदा मित्र और बी. एम. कुमारस्वामी, राष्ट्रीय संगठक कश्मिरीलाल जी मंच पर उपस्थित थे.
प्राचीन परंपराओं के गौरव को ध्यान में रखकर हम नए युग का नया गीत गाऐंगे, इन शब्दों में, माननीय भैयाजी ने स्वदेशी के तत्त्वज्ञान का सूत्र स्पष्ट किया.

READ ALSO

ನ್ಯಾಯಾಲಯದ ಆದೇಶದ ಮೇರೆಗೆ ಕಾಶಿಯ ಗ್ಯಾನವಾಪಿ ಮಸೀದಿ ಸರ್ವೇ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆ ಆರಂಭ

ಸಮರ್ಪಣಾ ಮನೋಭಾವ ನಿಜವಾದ ದೇಶಭಕ್ತಿ – ತಿಪ್ಪೇಸ್ವಾಮಿ

पश्‍चिम के देशों का विकास का अपना एक मॉडेल है, उसी प्रकार पूर्व के देशों का भी विकास का अपना मॉडेल है. पूर्व के लोगों ने नई बातें स्वीकारने के लिए अपने मन के दरवाजे हरदम खुले रखे हैं. अच्छे विचारों का पूर्व ने हमेशा स्वागत किया है. यह, यहॉं की परंपरा ही है. यह सकारात्मक चिंतन ही हमें दुनिया के सामने विश्‍वकल्याण का दर्शन प्रस्तुत करने के लिए शक्ति देता है, ऐसा उन्होंने कहा.
वृद्धि (ग्रोथ) और प्रगति (प्रोग्रेस) इन शब्दों की अपेक्षा विकास (डेव्हलपमेन्ट) शब्द में समग्रता का भाव अधिक है, ऐसा प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि, भारत का चिंतन विकास का है.

Swadeshi Jagaran Manch National Conference inaugurated by RSS General Secretary Suresh Bhaiyyaji Joshi at Nagpur Conferenc-Oct-5-2012

विकसित, विकसनशील और पिछड़े
देशस्थिति का आकलन करने के लिए विकसित, विकसनशील और पिछड़े यह मापदंड अमान्य करते हुए उन्होंने कहा, यह मापदंड़ निश्‍चित करने वाले कौन है? यह उन्होंने तय किया और सारी दुनिया पर लादा. इन मापदंड़ों के अनुसार भौतिक साधनसंपन्नता ही विकास या प्रगति, ऐसा माना गया है. लेकिन भारत का स्वदेशी चिंतन इसे पूरी तरह नहीं स्वीकारता. इस मापदंड़ के अनुसार जो विकसित है, क्या वे सही में संपन्न है और इन मापदंड़ों को प्रस्थापित करने के लिए कितनी किमत चुकानी पड़ी, ऐसे प्रश्‍न स्वदेशी चिंतन उपस्थित करना चाहता है. भारतीय चिंतन के अनुसार भौतिक साधनों से संपन्न ही विकसित होता है, ऐसा नहीं. संपन्न न होते हुए भी कोई व्यक्ति या देश विकसित रह सकता है, ऐसा हमारा चिंतन बताता है. विकास का आजका मॉडेल प्रस्थापित करने के लिए दुनिया ने बहुत बड़ी किमत चुकाई है. विकास के इस मॉडेल के कारण अमानवीय या राक्षसी मनोवृत्ति निर्माण हुई है. आवश्यकता के अनुसार प्रकृति से चाहे जितना लिया जा सकता है, लेकिन हम, जितना ले सकते है उतना लेने लगे, इस कारण ही यह राक्षसी वृत्ति निर्माण हुई, कथित विकास के नाम पर हम यह राक्षसी, अमानवीय वृत्ति बढ़ा तो नहीं रहें, ऐसा प्रश्‍न उन्होंने उपस्थित किया.

‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’
भारतीय चिंतन को आज का लोकप्रिय ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ सूत्र मान्य नहीं, ऐसा स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि, भारत को ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ यह सूत्र मान्य है. इसमें ‘वसुंधरा परिवार हमारा’ यह भावना है. संपूर्ण विश्‍व को एक परिवार के रूप में विकसित करने का प्रयास होना चाहिए. इस दृष्टि से भारतीय चिंतन दुनिया के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है. गलत दिशा में जा रहें वैश्‍विक चिंतन के सामने एक मार्गदर्शक़ विचार के रूप में हमारा भारतीय चिंतन प्रभावी रूप में प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी ‘स्वजाम’ की है, ऐसा उन्होंने कहा.
स्वतंत्रता के बाद भारत ने मूलभूत भारतीय चिंतन के आधार पर विकास की दिशा अपनाना आवश्यक था. लेकिन, गांधी जी के समग्र, चिरंतन (सस्टेनेबल) विकास का मार्ग छोड़कर भारत के विकास को अल्पकाली, अल्पलाभी विचारों की दिशा दी गयी, और वह भी गांधी जी के अनुयायीयों ने ही, ऐसी आलोचना उन्होंने की.
प्राचीन परंपराओं का गौरव या स्वाभिमान कायम रखते समय, व्यवहार में, आचरण में उसका अहंकार तो नहीं आता इसका ध्यान रखना चाहिए, ऐसी चेतावनी उन्होंने दी. आज के संदर्भ में भारतीय चिंतन की ओर से अपेक्षा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि, भारतीय चिंतन करते समय युवा शक्ति पर के विश्‍वास को शक्ति प्रदान करना आवश्यक है और पश्‍चिम के चिंतन काविचार करते समय परावलंबिता छोड़नी चाहिए.
आज की परिस्थिति में कोई भी देश शतप्रतिशत स्वावलंबी नहीं हो सकता, ऐसा स्पष्ट मत व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि, आदान-प्रदान होते रहना चाहिए. देश के लिए आवश्यक विचार दूसरों से लेना चाहिए, लेकिन समाज का भान रखकर… उन विचारों को युगानुकूल कर… दूसरों के अनुभवों से सीखना चाहिए और हमने भी दुनिया को कुछ देना चाहिए. देश में का मूलभूत ढ़ॉंचा मजबूत बनना चाहिए. शिक्षा, यातायात के साधन सुलभ होने चाहिए. ग्रामीण और वनवासी प्रतिभाए खोजकर उन्हें दुनिया के सामने लाना चाहिए. शोधकार्य देशहित के लिए ही होना चाहिए और युवा शक्ति पर दृढ विश्‍वास रखना चाहिए.
हमें पश्‍चिम से भी कुछ सीखने की आवश्यकता है. सार्वजनिक जीवन में की उनकी कर्तव्यबुद्धि और शुचिता का हमने अनुसरण करना चाहिए. नाटकीय पद्धति का आचरण प्रकट करने वाले शीर्ष नेतृत्व को दूर कर सर्वसामान्य से नेतृत्व विकसित करना चाहिए, ऐसी अपेक्षा व्यक्त कर भैयाजी ने कहा कि, सर्वसामान्य लोग नई राहें नहीं निर्माण करते. प्रचलित मार्ग पर ही चलने का प्रयास करते है. स्वदेशी जागरण मंच ऐसा योग्य मार्ग निर्माण करने का पुरुषार्थ करने के लिए पहल करे, ऐसा आवाहन उन्होंने किया.

राष्ट्रीय संयोजक अरुण जी ओझा
स्वजामं के राष्ट्रीय संयोजक अरुण जी ओझा ने वर्ष का कार्यवृत्तांत प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि, आधुनिकीकरण की स्पर्धा के कारण परंपराओं से दूर जाने का खतरा निर्माण हुआ है. बीस वर्ष पूर्व अपनाए आर्थिक सुधारों की नीति का चक्र पूर्ण हुआ है और हम फिर पहले के ही स्थान पर आ पहुँचे हैं. अब भारतीय विचारकों ने राजनीति और अर्थकारण का विकल्प खोजने में विलंब नहीं करना चाहिए.
१. वैचारिक समझ, समग्र दृष्टि और एक नए उदीयमान भारत का चित्र,
२. नीचे के स्तर पर आम जनता के बीच ठोस जनाधार और संगठन,
३. ‘संघर्ष और निर्माण’ दोनों का व्यापक अनुभव और माद्दा तथा
४. धीरज और लंबी लढ़ाई की तैयारी
इन आधारों पर यह विकल्प खोजा जाना चाहिए.

स्वागताध्यक्ष प्रभाकरराव मुंडले ने देश में से आए करीब ६०० सौ प्रतिनिधियों का स्वागत किया. देवी अहल्या मंदिर छात्रावास में की पूर्वोत्तर राज्यों में की बालिकाओं ने स्वदेशी पर पथनाट्य और समूह गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन स्वजामं के नागपुर महानगर संयोजक आशुतोष पाठक ने तथा अतिथियों का स्वागत और आभार प्रदर्शन स्वजामं महाराष्ट्र प्रान्त संयोजक अजय पत्की ने  किया.
कार्यक्रम में राष्ट्र सेविका समिति की भूतपूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिलाताई मेढे, स्वजामं के भूतपूर्व संयोजक और भाजपा के वर्तमान महासचिव मुरलीधर राव, भूतपूर्व सहसंयोजक प्रा. योगानंद काळे, भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष वसंतराव पिंपळापुरे, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय मंत्री शशिभूषण वैद्य, विद्याभारती के सतीशचन्द्र मिश्र, अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री सुरेन्द्र नाईक, स्वजामं विचार मंडल प्रमुख प्रा. अश्‍विनी महाजन, महेशचन्द्र शर्मा आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
मुंबई आयआयटी के विद्यार्थींयों के समक्ष स्वजामं के राष्ट्रीय सहसंयोजक एस. गुरुमूर्ति ने ‘इंडियन बिझिनेस मॉडेल’ विषय पर दिए भाषण की ध्वनिफित का इस कार्यक्रम में माननीय भैयाजी के हस्ते विमोचन किया गया.

  • email
  • facebook
  • twitter
  • google+
  • WhatsApp

Related Posts

News Digest

ನ್ಯಾಯಾಲಯದ ಆದೇಶದ ಮೇರೆಗೆ ಕಾಶಿಯ ಗ್ಯಾನವಾಪಿ ಮಸೀದಿ ಸರ್ವೇ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆ ಆರಂಭ

May 14, 2022
News Digest

ಸಮರ್ಪಣಾ ಮನೋಭಾವ ನಿಜವಾದ ದೇಶಭಕ್ತಿ – ತಿಪ್ಪೇಸ್ವಾಮಿ

May 13, 2022
News Digest

Sanskrit most requested language on Google Translate

May 13, 2022
News Digest

Kerala Fire cop arrested in connection with murder of RSS activist shrinivasan

May 11, 2022
News Digest

ಶ್ರದ್ಧೆ, ಸಮರ್ಪಣಾ ಭಾವದಿಂದ ಸಾಧನೆ ಮಾಡಿದರೆ ಕೆಲಸದಲ್ಲಿ ಯಶಸ್ಸು ದೊರೆಯುತ್ತದೆ – ಮಂಗೇಶ್ ಭೇಂಡೆ

May 9, 2022
News Digest

ನಮ್ಮ ನೆಲದ ಚಿಂತನೆಯ ಆಧಾರದ ರಾಷ್ಟ್ರದ ಪುನರ್ನಿರ್ಮಾಣ ಅಗತ್ಯ – ಪಿ ಎಸ್ ಪ್ರಕಾಶ್

May 7, 2022
Next Post
As Economic Reforms, FDI is detrimental to the Nation’s Progress: RSS Chief Mohan Bhagwat

As Economic Reforms, FDI is detrimental to the Nation's Progress: RSS Chief Mohan Bhagwat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

ಎಬಿಪಿಎಸ್ ನಿರ್ಣಯ – ಭಾರತವನ್ನು ಸ್ವಾವಲಂಬಿಯಾಗಿಸಲು ಉದ್ಯೋಗಾವಕಾಶಗಳ ಪ್ರೋತ್ಸಾಹಕ್ಕೆ ಒತ್ತು

March 13, 2022

ಟೀ ಮಾರಿದ್ದ ನ್ಯಾಯಾಲಯದಲ್ಲೇ ವಕೀಲೆಯಾದ ಛಲಗಾತಿ!

March 8, 2022

ನಮ್ಮ ನೆಲದ ಚಿಂತನೆಯ ಆಧಾರದ ರಾಷ್ಟ್ರದ ಪುನರ್ನಿರ್ಮಾಣ ಅಗತ್ಯ – ಪಿ ಎಸ್ ಪ್ರಕಾಶ್

May 7, 2022

ಹಗರಿಬೊಮ್ಮನಹಳ್ಳಿಯಲ್ಲಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸ್ವಯಂಸೇವಕ ಸಂಘದ ಶಿಕ್ಷಾ ವರ್ಗದ ಸಮಾರೋಪ

May 13, 2022

ಸಂಘಕಾರ್ಯದ ಮೂಲಕ ಸಮಾಜದ ಆಂತರಿಕ ಶಕ್ತಿ ಹೆಚ್ಚಿಸಬೇಕಿದೆ – ದತ್ತಾತ್ರೇಯ ಹೊಸಬಾಳೆ ಕರೆ

March 14, 2022

EDITOR'S PICK

RSS expresses deep concern on growing Communal Frenzy in the country: RSS functionary V Nagaraj at Bengaluru

RSS expresses deep concern on growing Communal Frenzy in the country: RSS functionary V Nagaraj at Bengaluru

March 18, 2016
RSS 3-day Annual meet Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha (ABPS) to be held on March 11, 12 and 13, 2016 at Nagaur, Rajasthan

RSS 3-day Annual meet Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha (ABPS) to be held on March 11, 12 and 13, 2016 at Nagaur, Rajasthan

March 10, 2016
ಸಾವಯವ ಎನ್ನುವುದು ಜೀವನ ಧರ್ಮ -ವಿ. ನಾಗರಾಜ್

ಸಾವಯವ ಎನ್ನುವುದು ಜೀವನ ಧರ್ಮ -ವಿ. ನಾಗರಾಜ್

April 13, 2012
Border tunnel discovered between India and Pakistan

Border tunnel discovered between India and Pakistan

July 30, 2012

Samvada ಸಂವಾದ :

Samvada is a media center where we discuss various topics like Health, Politics, Education, Science, History, Current affairs and so on.

Categories

Recent Posts

  • ಭಾರತ ಮತ್ತು ಏಷ್ಯಾದ ಬೌದ್ಧ ದೇಶಗಳು : ಒಂದು ಸಾಂಸ್ಕೃತಿಕ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯವಾದ
  • भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिश्च
  • ನ್ಯಾಯಾಲಯದ ಆದೇಶದ ಮೇರೆಗೆ ಕಾಶಿಯ ಗ್ಯಾನವಾಪಿ ಮಸೀದಿ ಸರ್ವೇ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆ ಆರಂಭ
  • ಸಮರ್ಪಣಾ ಮನೋಭಾವ ನಿಜವಾದ ದೇಶಭಕ್ತಿ – ತಿಪ್ಪೇಸ್ವಾಮಿ
  • About Us
  • Contact Us
  • Editorial Team
  • Errors/Corrections
  • ETHICS POLICY
  • Events
  • Fact-checking Policy
  • Home
  • Live
  • Ownership & Funding
  • Pungava Archives
  • Subscribe

© samvada.org - Developed By gradientguru.com

No Result
View All Result
  • Samvada

© samvada.org - Developed By gradientguru.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In