
दिल्ली / पटना / प्रयाग / लखनऊ , २८ अप्रैल, २०१५ नेपाल में आये हुए भीषण भूकंप में ४५०० से अधिक लोगों ने अपने प्राण खोये हैं और भारत में भी ७० से अधिक जानें गयी हैं। ४०,००० से अधिक लोग घायल हैं। हजारों बच्चें अपने माता – पिता को खो बैठे हैं। उन का भविष्य अँधेरे में है। लाखों लोग उन के घर गिरने से खुले आसमान के नीचे रहने – सोने को मजबूर हैं। अनेक गाँव काठमांडू, पोखरा के कई क्षेत्र तथा भारत में बिहार, आसाम, बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में कुछ इलाकें जमींदोस्त हुए हैं। प्राचीन मंदिर और संस्कृति के लिए ख्यात नेपाल ध्वस्त हुआ है। टूरिज्म पर जीनेवाली वहाँ की जनता अपनी आजीविका खो चुकी है। ये स्थितियाँ देखते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने सहाय हेतु त्रि -स्तरीय योजना निश्चित की है।
विश्व हिन्दू परिषद की त्रि-स्तरीय योजना :
१) अनाथ बच्चों के लिए निवास और शिक्षा : अनेकों बच्चें विनाशकारी भूकंप में माता – पिता को खोकर अनाथ हुए हैं। विश्व हिन्दू परिषद के भारत में १५० से अधिक छात्रावास और ५० से अधिक अनाथालय हैं। विश्व हिन्दू परिषद की निवासी शालाओं में रहकर और शिक्षा लेकर लाखों बच्चें आज बड़े होकर कंपनियों में, सेना में , सरकार में , विदेशों में उच्च पदोंपर स्थित हैं। नेपाल और भारत के जो बच्चें इस भूकंप में अनाथ हुए हैं, उन का प्रबंध विश्व हिन्दू परिषद प्रेम से करेगी। बच्चों देखभाल में जिन्हें सहयोग करना हो, वे अवश्य संपर्क करें।
२) घर : सर पर छत ही ना हो तो आपदा में कोई भी व्यक्ति भविष्य के विषय में सोच भी नहीं सकता। इस भूकंप में जिन के घर गिरे हैं, उन में से अनेकों के लिए विश्व हिन्दू परिषद घर बनवा देगी। इस हेतु आपदाग्रस्त क्षेत्रों में से कुछ गाँव गोद कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा। गृह निर्माण या इससे सम्बंधित जो कंपनियाँ या सहृदय व्यक्ति जरूरतमंदों को घर बनाने में सहाय करना चाहते हैं, वे अवश्य आगे आएँ।
३) प्राचीन मंदिर : प्राचीन मंदिर और विश्व ख्यात धरोहरों के लिए नेपाल जाना जाता था। नेपाल के मंदिरों में हर दिन पूजा होती थी। स्थानीय श्रद्धालु और देश-विदेश से आये सैलानियों से मंदिर परिसर सराबोर रहते थे। कई मंदिर ध्वस्त हुए हैं। हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों को पुनः खड़ा करना हम सभी का दायित्व है। की , प्राचीन स्थानों की सैर कराना यह नेपाल की अधिकतर जनता की आजीविका भी थी। विश्व हिन्दू परिषद मंदिरों के पुनर्निर्माण हेतु हर संभव सहाय करेगी। आवाहन है कि भारत के और विदेशों के बड़े मंदिर प्रतिष्ठान एक एक मंदिर केवल सहाय हेतु ‘गोद ‘ लें और इस पुण्य कार्य में आगे आएँ।
भूकंप पीड़ितों के लिए यह त्रि-स्तरीय योजना विशद करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के आंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा, “भारत में सहृदय लोगों की कोई कमी नहीं। आज आवश्यकता है वह हम सभीने साथ मिलकर भूकंप पीड़ितों के लिए आगे आने की। अनाथ बच्चों का निवास और उन की शिक्षा का प्रेम से प्रबंध कर उन का भविष्य सुनिश्चित करना; जिन्होंने अपना सब कुछ खोया ऐसे बेघरों को घर देना और नेपाल की वह प्राचीन भव्य सुंदरता संस्कृति और उन की धरोहरों का पुनर्निर्माण कर धर्म कार्य करना और वहाँ के युवाओं को उन की आजीविका फिर से प्राप्त करवाना ये तीन महत्त्व के सहाय मार्ग हैं। विश्व हिन्दू परिषद इन पर पूर्ण ध्यान देगी।”
हिन्दू हेल्प लाईन और इंडिया हेल्थ लाईन ने वैद्यकीय टीम , दवाइयाँ और अन्य सहयोग आगे भेजने की व्यवस्था की हुयी है।
संपर्क : इस योजना में जो सहयोग करना चाहते हैं, वे अपना नाम, पता, जिला , राज्य , फोन क्रमांक , ईमेल सभी इस ईमेल पर भेजें